क्‍या है सरकार की स्वामित्व योजना? PM मोदी गांव वालों को 58 लाख संपत्ति कार्ड देंगे

What is Swamitva Yojana: 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से ज्‍यादा गांवों में संपत्ति मालिकों को 'अधिकार दस्तावेज’ के तौर पर 58 लाख से ज्‍यादा संपत्ति कार्ड जारी किए जाएंगे. पीएम मोदी इस कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करेंगे. अधिकारियो

4 1 6
Read Time5 Minute, 17 Second

What is Swamitva Yojana: 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से ज्‍यादा गांवों में संपत्ति मालिकों को 'अधिकार दस्तावेज’ के तौर पर 58 लाख से ज्‍यादा संपत्ति कार्ड जारी किए जाएंगे. पीएम मोदी इस कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान 13 केंद्रीय मंत्री अलग-अलग राज्यों में कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे, जहां संपत्ति कार्ड बांटे जाएंगे. ‘स्वामित्व’ योजना की शुरुआत 2020 में की गई थी. प्रधानमंत्री की तरफ से संबोधित किए जाने वाले ऑनलाइन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, एमपी, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर एवं लद्दाख के 50,000 गांवों के 58 लाख संपत्ति मालिकों को संपत्ति कार्ड जारी किए जाएंगे. आइए जानते हैं इसके बारे में व‍िस्‍तार से-

योजना का मकसद

ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटली तैयार करना ताकि वे ज्‍यादा सही, पारदर्शी और सुरक्षित हो सकें. जमीन के माल‍िकाना हक के अधिकारों को साफ रूप से परिभाषित करना ताकि भूमि विवादों को कम किया जा सके. जमीन के स्वामित्व के स्पष्ट प्रमाण के आधार पर किसानों को आसानी से लोन उपलब्ध कराना. जमीन को एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में मान्यता देना और इससे जुड़े अधिकारों को सुरक्षित करना. स्वामित्व योजना को ड्रोन सर्वे, GIS और अन्य आधुनिक तकनीक का उपयोग करके लागू किया जा रहा है. योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों का ड्रोन से सर्वे किया जाता है.

योजना के फायदे भूमि के स्वामित्व के साफ प्रमाण होने के बाद भूमि विवाद में कमी आएगी. इसके अलावा स्पष्ट भूमि स्वामित्व के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य में भी तेजी आएगी. इसके अलावा लोन हास‍िल करने में आसानी आएगी. किसान आसानी से भूमि पर बेस्‍ड लोन हास‍िल कर सकेंगे. जमीन को एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में मान्यता मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा. स्वामित्व योजना देश के ग्रामीण विकास के लिए एक अहम कदम है. यह योजना ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों के जीवन स्‍तर को बेहतर बनाने में मदद करेगी. यह योजना भूमि सुधारों की दिशा में अहम कदम है.

92 प्रतिशत गांवों में ड्रोन मैपिंग का काम पूरा पंचायती राज सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया 58 लाख स्वामित्व कार्ड सहित 2.19 करोड़ संपत्ति कार्ड को अंतिम रूप दिया जा चुका है. उन्‍होंने कहा 3.44 लाख से ज्‍यादा गांवों में से 3.17 लाख गांवों में 92 प्रतिशत ड्रोन मैपिंग पूरी कर ली गई है. देश में ग्रामीण भूमि का सर्वेक्षण और अधिकारों का अभिलेखीकरण दशकों पहले पूरा हो चुका था. इसके अलावा, कई राज्यों में गांवों के आबादी क्षेत्र का सर्वेक्षण नहीं किया गया. इसलिए, गांव की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए स्वामित्व का कोई अभिलेख नहीं बनाया जा सका. पश्‍च‍िम बंगाल, बिहार, नगालैंड और मेघालय ने इस योजना में ह‍िस्‍सा नहीं ल‍िया है.

कौन मंत्री कहां पर रहेगा? कई केंद्रीय मंत्री राज्यों में अलग-अलग जगह पर लाभार्थियों से संपर्क करेंगे और कुछ संपत्ति कार्ड बांटेंगे. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान राजस्थान के जोधपुर में शामिल होंगे, जबकि जेपी नड्डा जयपुर में, भूपेंद्र यादव अलवर में, अन्नपूर्णा देवी कोटा में और अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर में रहेंगे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र के अहिल्या नगर में कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जबकि रक्षा राज्य मंत्री निखिल खडसे नंदुरबार में और मुरलीधर मोहोल पुणे में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाब के बठिंडा में, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया मध्य प्रदेश के गुना में और जितेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर के कठुआ के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

राजस्थान हाई कोर्ट को मिलेंगे तीन नए जज, कॉलेजियम ने की सिफारिश

पीटीआई, नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन न्यायिक अधिकारियों को राजस्थान हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। कॉलेजियम में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे।

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now